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23 सितम्बर, 2008

गई भैंस तो पानी में ! मनाओ दिवाली खाली हाथ !

राजनीति किसे कहते हैं ? अब पता चलेगा कर्मचारियों को ! हमने 10 सितम्बर, 2008 को बताया था कि राजस्थान सरकार छठे वेतन आयोग के वेतनमानों को लागू करने में देरी क्यों कर रही है ? हमने 17 सितम्बर, 2008 को बता दिया था कि नये वेतनमान लागू करने में राज्य सरकार की कारीगरी के चलते कर्मचारियों को सातवें वेतनमान लागू होने तक कम से कम दस हजार करोड रूपये का फटका लगेगा। अब खबर है कि 25 अक्टूबर, 2008 तक फिक्शेशन और ऐरियर के बिलों का काम पूरा नहीं हो पायेगा। इतने कम समय में वेतन विसंगतियों को ठीक करना, फिक्शेशन करना और ऐरियर का भुगतान करना नामुमकीन है। अगर हुआ भी तो आधा-अधूरा और कर्मचारियों की जेब काटने वाला होगा। उधर दीपावली का त्यौहार 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2008 तक है। वैसे भी राज्य सरकार द्वारा वेतन विसंगतियों पर गठित हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट चार महिने बाद आनी है। तब तक दूसरी सरकार बन जायेगी। नई सरकार क्या करेगी ? रामजाने ! पिछली अशोक गहलोत सरकार ने एक गलती की थी, कर्मचारियों की 64 दिन हडताल करवा कर ! सत्ता चली गई थी, गहलोत साहब की ! लेकिन यहां तो 10 हजार करोड का फटका लग रहा है कर्मचारियों को और कर्मचारी नेताओं की हिम्मत नहीं हो रही है, सरकार के खिलाफ जबान खोलने की, संघर्ष की तो बात ही छोडो ! अब भाजपानीत श्रीमती वसुन्धरा राजे सरकार के दुमछल्ले कर्मचारी नेता बतायें कि कर्मचारियों की दिवाली कैसे मनेगी ! गई भैंस तो पानी में, मनाओ दिवाली खाली हाथ !
इण्डियन पोस्ट इन्फो नेटवर्क
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