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15 अगस्त पर विशेष

इण्डिया दैट इज भारत में 5 प्रतिशत इण्डियन और 95 प्रतिशत भारतीयों का बंटवारा
मुझे मिला जंगल बबूल का उन्हें फूल की बगिया
राज-सम्पदा बांट रहा है जनमजात वह छलिया
मेरे घर में कांटे आये, उनके घर में कुंकुम-केसर
मेरा तन तो लोहूलुहान है, गन्ध-लेप है उनके तन पर
उनकी रानी बनी छबीली, नंगी मेरी धनिया
मुझे मिला जंगल बबूल का, उन्हें फूल की बगिया
हाकिम उनके बडे चहेते उनकी गोटी लाल सब तरह
मेरा दरजा बहुत अलग है, दो दरजों का अंतर है यह
राम अयोध्या के राजा हैं, मारा फिरे रमइया
मुझे मिला जंगल बबूल का, उन्हें फूल की बगिया


यह माया का नंदनवन है, घुटता जाता है मेरा दम
बरस रही है उधर सम्पदा, इधर गरीबी का है आलम
उधर महल में नूपुर बजते, इधर बिलखती बिटिया
मुझे मिला जंगल बबूल का, उन्हें फूल की बगिया
वे ट्रेक्टर से करते खेती, हरित क्रान्ति उनके घर आयी
मेरी खेती राम-भरोसे, कर्ज मिले तो हो ठकुराई
उनके ट्रेक्टर के रक्षण में, मर गयी मेरी बधिया (गैया)
मुझे मिला जंगल बबूल का, उन्हें फूल की बगिया
हदबन्दी यह क्या है चिन्ता, पुत्र हजारों हैं रावण के
बैठ गये वे खेत बांटकर, मैं खाता हूं लडडू मन के
उनका कुनबा मठ मंदिर में, मेरी छोटी दुनिया
मुझे मिला जंगल बबूल का, उन्हें फूल की बगिया....
प्रस्तोता- इण्डियन पोस्ट इन्फो नेटवर्क
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