नास्तीवादी-सामन्तवादी शासन का अन्त !
राजस्थान में आखीरकार जनता को सामन्तवाद से छुटकारा मिल ही गया। इसके साथ-साथ राजस्थान की जनता ने भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों को चुनावों में धूल चटा कर ऐहसास करवा दिया कि राजस्थान में सामन्तवाद या जनतन्त्र की आड में छद्म सामन्तवाद नहीं चलेगा। देश का प्रधानमंत्री बनने के लिये श्री लालकृष्ण आडवानी ने अपने आप को भारतीय जनता पार्टी का प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी घोषित करवा लिया। हालांकि यह घोर नात्सीवादी-सामन्तवादी कदम था। इस ही क्रम में भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने श्रीमती वसुन्धरा राजे को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री घोषित किया। जनतन्त्र में चुनिन्दा विधान सभा सदस्य या चुनिन्दा सांसद अपने नेता का चुनाव जनतान्त्रिक तरीके से करते हैं, लेकिन भाजपा ने नास्तीवादी-सामन्तवादी तरीका अपनाया और मतदान के जरिये राजस्थान की जनता ने उसे नकार दिया। यही नहीं आम अवाम ने कांग्रेस पार्टी में अपने आपको मुख्यमंत्री का दावेदार मानने वाले खम ठोकुओं को भी धूल चटा दी।
अब भी वक्त है सत्ता की दौड में दौड रही राजनैतिक पार्टियों के आकाओं के लिये कि वे अपनी पार्टी के अन्दर पनप रहे नास्तीवादी- सामन्तवाद को खत्म कर पार्टी को वैधानिक गणतान्त्रिक-जनतान्त्रिक तरीके से आगे बढायें। अन्यथा जनता के जनादेश ने अगर उन्हें ठोकर मार दी तो कहीं के नहीं रहेगें !
इण्डियन पोस्ट इन्फो नेटवर्क