घर का न घाट का !
जयपुर नगर निगम के मेयर श्री अशोक परनामी के साथ एक गहरी चोट हो गई। चौबेजी छब्बेजी बनने चले थे, दुब्बे जी भी नहीं रहे। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में उन्हें मेयर के पद और उसके साथ मिली सारी सुविधाओं से वंचित होना पडेगा। सारे रूतबे धराशाही ! पहिले दोस्तों की आड में चमचे पाले और अवाम से दुश्मनी। अब नाराज लोगों की शिकायतों पर जांच का सिलसिला शुरू होगा। लोकायुक्त से सरकारी महकमों तक जांच के पुलिन्दे लेकर चक्कर लगाने की आदत डालनी पडेगी। सोचा तो था, महारानी जी की सरकार बनेगी। मंत्री पद का लुफ्त उठायेंगे। अब हालत यह है कि न घर का न घाट का !
इण्डियन पोस्ट इन्फो नेटवर्क