24/8/2008
कर्मचारियों को नये वेतनमान नहीं देना चाहती है वसुन्धरा राजे सरकार !
राजस्थान के राज्य कर्मचारियों सावधान ! आपको केन्द्र सरकार द्वारा घोषित नये वेतनमान अब लगता है कि मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है ! जी हां ! भाजपानीत राजस्थान की श्रीमती वसुन्धरा राजे सरकार छटे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप केन्द्र सरकार द्वारा घोषित वेतनमान देने से बचने के लिये चुनाव आचार संहिता लागू होने का इन्तजार कर रही है और इसके लिये वह नित नये बहाने तलाश रही है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे नये वेतनमानों के मामले को आंकडों-रिपोर्टों, टिप्पणियों, वार्ताओं-विचारविमर्शों के मकडजाल में उलझा कर लम्बा खींच रही हैं, ताकि निर्णय में देरी हो और इस बीच चुनाव आचार संहिता लागू हो जाये। फिर सरकार कर्मचारियों के सामने यह बहाना बना सके कि सरकार तो देना चाहती थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता आडे आरही है।
उत्तरप्रदेश में मायावती सरकार अपने कर्मचारियों को केन्द्र के अनुरूप नये वेतनमान देने के आदेश पहिले ही दे चुकी है। ऐसी स्थिति में राजस्थान सरकार को अपने कर्मचारियों को नये वेतनमान देने के आदेश तत्काल जारी किये जाने चाहिये। देरी बताती है कि दाल में कुछ काला है !